राजस्थान सामान्य परिचय
rajasthan ka parichay (राजस्थान का सामान्य परिचय), राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से हमारे देश का सबसे बड़ा राज्य है। 1 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ का गठन हुआ और उसी दिन से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य बना। राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि.मी. है। जो कि देश का 10.41 प्रतिशत है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान की तुलना की जाये तो – राजस्थान श्रीलंका से पांच गुना, चेकोस्लोवाकिया से तीन गुना, इजराइल से सत्रह गुना तथा इंग्लैण्ड से दुगुने से भी बड़ा है। जापान की तुलना में राजस्थान कुछ ही छोटा है।
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rajasthan ka parichay Art and Culture
छठी सताब्दी के बाद राजस्थानी भू भाग में राजपूत राज्यों का उदय प्रारंभ हुआ । राजपूत राज्यों की प्रधानता के कारण इसे राजपुताना कहा जाने लगा। वैदिक काल में ऋगवेद में राजस्थान को ‘ब्रह्मवर्त’ तथा रामायण में वाल्मीकि ने राजस्थान प्रदेश को ‘मरुकांतर’ कहा है। राजस्थान शब्द का प्राचीनतम उपयोग ‘राजस्थानियादित्य’ वि संवत 682 में उत्कीर्ण वसंतगढ़ (सिरोही ) के शिलालेख में मिलता है। उसके बाद मुहणोत नैणसी की ख्यात व राजरूपक में राजस्थान शब्द का प्रयोग हुआ है। लेकिन यह शब्द राजपूताना के इस भू-भाग के लिए प्रयोग नहीं हुआ है। सन् 1800 ई.में आरलैण्ड के निवासी जार्ज थामस ने राजस्थान के इस भाग के लिए ‘राजपुताना’ की संज्ञा दी।
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इस बात का उल्लेख विलियम राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत गुर्जर प्रतिहार वंश राजपूत युग आमेर का कछवाह वंश सांभर का चौहान वंश मारवाड का राठौड वंश बीकानेर का राठौड़ वंश 1857 की क्रान्ति राजस्थान में किसान तथा आदिवासी आन्दोलन राजस्थान में फ्रेंकलिन की पुस्तक “Military Memoirs Of Mr. George Thomas” में आता है।
कर्नल जेम्स टॉड ने इस राज्य को “रायथान” कहा क्योंकिक्यों स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओं के निवास के प्रान्त को ‘रायथान’ कहते थे। 19 वी. सदी में कर्नल जम्स टाॅड ने अपनी पुस्तक “एनाॅल्स एंड एटीक्विटिज आफ राजस्थान” मेे राजस्थान शब्द का प्रयोग किया। इस पुस्तक का दूसरा नाम “द सेंट्रल एंड वेस्टर्न राजपूत स्टेट्स ऑफ इंडिया” है।
इस पुस्तक का पहली बार हिन्दी अनुवाद राजस्थान के प्रसिद्ध इतिहासकार गौरीशंकर हीराचंद ओझा ने किया। इसे हिन्दी में “प्राचीन राजस्थान का विश्लेषण” कहते है। कर्नल जेम्स टाॅड 1818- 1821 के मध्य मेवाड़ (उदयपुर) प्रांत में पोलिटिकल ऐजेन्ट थे। उन्होने अपने घोडे़ पर बैठकर घूम-घूम कर इतिहास लेखन किया अतः कर्नल जम्स डाॅड को घोडे वाला बाबा के नाम से भी जाना जाता है। 30 मार्च,1949 को चार बड़ी रियासतों – तों जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बीकानेर का राज्य में विलय होने के बाद वृहत राजस्थान का गठन हुआ।
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तभी से 30 मार्च को ‘राजस्थान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को विधिवत् रूप से इस प्रदेश का नाम राजस्थान स्वीकार किया गया। राज्य के पहले राजप्रमुख जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह एवं प्रथम प्रधानमंत्री(मुख्यमंत्री) श्री हीरालाल शास्त्री बने। 1952 में हुए आम चुनावों के बाद प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री श्री टीकाराम पालीवाल बने। 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन के बाद राजप्रमुख का पद समाप्त कर दिया व राज्यपाल का पद सृजित हुआ। सरदार गुरूमुख निहालसिंह राज्य के पहले राज्यपाल(मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाड़िया) बने। 2011 में राजस्थान की कुल जनसंख्या 68,548,437 थी जो की देश की जनसंख्या का 5.67 प्रतिशत है।
Border of Rajathan: राजस्थान से सीमाएं लगने वाले राज्य
कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है –
1. गुजरात
2. राजस्थान
3. मध्यप्रदेश
4. छत्तीसगढ़
5. झारखण्ड
6. पश्चिम बंगाल
7. त्रिपुरा
8. मिजोरम कर्क रेखा राजस्थान के बांसवाड़ा के मध्य से होकर गुजरती है।
डूंगरपूर जिले को स्पर्श(चिखली गांव के नजदीक से) करती है। बांसवाड़ा शहर कर्क रेखा से राज्य का सर्वाधिक नजदीक शहर है। राजस्थान में कर्क रेखा बाॅंसवाडा जिले के कुशलगढ़ तहसील से होकर गुजरती है। अतः बांसवाडा जिले में सूर्य की किरणे सर्वाधिक सीधी पड़ती है।
जबकी श्री गंगानगर जिला कर्क रेखा से सर्वाधिक दूरी पर स्थित है अतः श्री गंगानगर जिले में सूर्य की किरणे सर्वाधिक तिरछी पडती है। राज्स्थान में सबसे पहले सूर्य उदय धौलपुर जिले के सिलाना गाॅंव में होता है। राजस्थान में सबसे बाद में सूर्यउदय जैसलमेर जिले के कटरा गाॅंव में होता है और यही पर सबसे बाद में सूर्यस्त होता है। राजस्थान का मानक समय भारत के मानक समय 82½ पूर्वी देशांतर के अनुरूप ही है। आकृति राजस्थान की आकृति सबसे पहले विषम कोणीय चतुर्भुज(या पतंग) विद्वान टी. एच. हेण्डले ने बतायी थी। राज्य का सबसे उच्चत्म बिन्दु गुरूशिखर(1722 मी.) है जबकि सबसे निम्नतम बिन्दु सांभर झील है। जिसका क्षेत्र समुद्रतल से भी नीचा है।
राजस्थान का सामान्य परिचय – राज्य का सबसे नजदीक बन्दरगाह कांडला(गुजरात) है। राज्य का सबसे ऊंचा बांध जाखम बांध(81 मीटर ऊंचाई) प्रतापगढ़ है। रा जस्था न का सां स्कृति क विभाजन
1. मेवाड़ – उदयपुर, राजसंमद, भीलवाडा, चितौड़गढ़, प्रतापगढ़
2. मारवाड़ -जोधपुर, नागौर, पाली, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर
3. दुंढाड़ – जयपुर, दौसा, टोंकटों व अजमेर का भाग
4. हाडौती – कोटा , बूंदी, बांरा, झालावाड़
5. शेखावाटी – चुरू, सीकर, झुन्झुनू
6. मेवात – अलवर, भरतपुर
7. वागड़ – डंगरपुर, बांसवाडा महत्वपूर्ण प्रश्न
1 राजस्थान का प्रवेश द्वार किसे कहा जाता है – भरतपुर
2 महुआ के पेङ पाये जाते है – अदयपुर व चितैङगढ
3 राजस्थान में छप्पनिया अकाल किस वर्ष पङा – 1956 वि स
4 राजस्थान में मानसून वर्षा किस दिशा मे बढती है – दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व
5 राजस्थान में गुरू शिखर चोटी की उचाई कितनी है – 1722 मीटर
6 राजस्थान में किस शहर को सन सिटी के नाम से जाना जाता है – जोधपुर को
7 राजस्थान की आकति है – विषमकोण चतुर्भुज
8 राजस्थान के किस जिले का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा है – जैसलमेर
9 राज्य की कुल स्थलीय सीमा की लम्बाई है – 5920 किमी
10 राजस्थान का सबसे पूर्वी जिला है – धौलपुर
11 राजस्थान का सागवान कौनसा वक्ष कहलाता है – रोहिङा
12 राजस्थान के किसा क्षेत्र में सागौन के वन पाये जाते है – दक्षिणी राजस्थान का सामान्य परिचय – जून माह में सूर्य किस जिले में लम्बत चमकता है – बॉसवाङा
14 राजस्थान में पूर्ण मरूस्थल वाले जिलें हैंा – जैसलमेर, बाडमेर
15 राजस्थान के कौनसे भाग में सर्वाधिक वर्षा होती है – दक्षिणी-पूर्वी
16 राजस्थान में सर्वाधिक तहसीलोंकी लों संख्या किस जिले में है – जयपुर
17 राजस्थान में सर्वप्रथम सूर्योदय किस जिले में होता है – धौलपुर 1
8 उङिया पठार किस जिले में स्थित है – सिरोही
19 राजस्थान में किन वनोंका नों अभाव है – शंकुधारी वन
20 राजस्थान के क्षेत्रफल का कितना भू-भाग रेगिस्तानी है –
लगभग दो-तिहाई 21 राजस्थान के पश्चिम भाग में पाये जाने वाला सर्वाधिक विषैला सर्प – पीवणा सर्प 22 राजस्थान के पूर्णतया वनस्पतिरहित क्षेत्र – समगॉव (जैसलमेर) 23 राजस्थान के किस जिले में सूर्यकिरणों का तिरछापन सर्वाधिक होता है – श्रीगंगानगर 24 राजस्थान का क्षेतफल इजरायल से कितना गुना है – 17 गुना बङा है 25 राजस्थान की 1070 किमी लम्बी पाकिस्तान से लगीसिमा रेखा का नाम – रेडक्लिफ रेखा 26 कर्क रेखा राजस्थान केकिस जिले से छूती हुई गुजरती है – डूंगरपुर व बॉसवाङा से होकर 27 राजस्थान में जनसंख्या की द़ष्टि से सबसे बङा जिला – जयपुर 28 थार के रेगिस्तान के कुल क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत राजस्थान में है – 58 प्रतिशत 29 राजस्थान के रेगिस्तान में रेत के विशाल लहरदार टीले को क्या कहते है – धोरे राजस्थान का सामान्य परिचय -RajasthanGyan राजस्थान का एकमात्र जीवाश्म पार्क स्थित है – आकलगॉव (जैसलमेर)
Ques. निम्नलिखित में से किसने 17 दिसंबर 2018 को राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ग्रहण की –
(अ) भैरों सिंह शेखावत (ब) अशोक गहलोत (स) तरुण तेजपाल (द) सचिन पायलट
उत्तर: अशोक गहलोत ने राजस्थान के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल कल्याण सिंह ने उन्हें शपथ दिलाई। वे तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं। उनके साथ सचिन पायलट ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं। शपथ ग्रहण में संभावित महागठबंधन के 12 दलों के नेता नजर आए। अशोक गहलोत 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। तब उनकी उम्र 47 थी। इसके बाद 2008 में उन्हें सत्ता की कमान मिली। आप भारत के सभी राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री की सूची यहां देख सकते हैं। राजस्थान की स्थिति, विस्तार, आकृति, एवं भौतिक स्वरूप भुमध्य रेखा के सापेक्ष राजस्थान उतरी गोलाद्र्व में स्थित है। ग्रीन वीच रेखा के सापेक्ष राजस्थान पुर्वी गोलाद्र्व में स्थित है। ग्रीन वीच व भुमध्य रेखा दोनों के सापेक्ष राजस्थान उतरी व पूर्वी गोलाद्र्व में स्थित है।
Ques. राजस्थान का सामान्य परिचय -Rajasthan ka Gyan
राजस्थान राज्य भारत में उत्तरी-पश्चिमी भाग में 23० 3′ से 30० 12′ उत्तरी अक्षांश (विस्तार 7० 9′) तथा 69० 30′ से 78० 17′ पूर्वी देशान्तर (विस्तार 8 ० 47′) के मध्य स्थित है। राजस्थान का अक्षांशीय अंतराल – 7०9′ राजस्थान का देशान्तरीय अंतराल – 8०47′ विस्तार – उत्तर से दक्षिण तक लम्बाई 826 कि. मी. व विस्तार उत्तर में कोणा गाँव (गंगानगर) से दक्षिण में बोरकुण्ड गाँव(कुशलगढ़, बांसवाड़ा) तक है।
पुर्व से पश्चिम तक चौड़ाई 869 कि. मी. व विस्तार पुर्व में सिलाना गाँव(राजाखेड़ा, धौलपुर) से पश्चिम में कटरा(फतेहगढ़,सम, जैसलमेर) तक है। राज्य की पूर्व से पश्चिम चौड़ाई और उत्तर से दक्षिण लम्बाई में 43 किमी. का अंतर है। rajasthan ka samany parichay ye kuch important points hai!
पूर्व से पश्चिम व उत्तर से दक्षिण को मिलाने वाली रेखाएं नागौर जिले में एक दुसरे को काटती है। कर्क रेखा रा राजस्स्था थान का का सा सामा मान्यन्य परिरिचय एवंवंवंवं भौ भौतितिक स्वस्वरूरूप… राजस्थान का सामान्य परिचय – 23० 30′ उतरी अक्षाश को कर्क रेखा कहते है।
FAQs
राजस्थान का पूरा नाम क्या है?
राजस्थान का पूरा नाम “राजस्थान राज्य” है। यह भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक राज्य है, जो अपने ऐतिहासिक किलों, महलों, और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थान का पहला राजा कौन है?
राजस्थान का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है, और इस क्षेत्र में विभिन्न समय पर विभिन्न राजवंशों ने शासन किया है। राजस्थान के पहले राजा के बारे में सटीक जानकारी देना कठिन है क्योंकि यह क्षेत्र कई छोटे-छोटे रियासतों में विभाजित था और विभिन्न राजवंशों के अधीन था।
हालांकि, यदि हम प्राचीन इतिहास की बात करें, तो राजस्थान में मेवाड़ के गुहिल राजवंश के संस्थापक राजा गुहादित्य (या गुहिल) को राजस्थान का एक प्रमुख प्राचीन राजा माना जा सकता है। उन्होंने 6वीं शताब्दी के आसपास मेवाड़ राज्य की स्थापना की थी।
इसके अलावा, राजस्थान के विभिन्न भागों में जैसे जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, और उदयपुर आदि में भी विभिन्न राजाओं ने शासन किया, जो अलग-अलग समय पर महत्वपूर्ण थे।
राजस्थान में कुल कितने राजा थे?
राजस्थान में कुल कितने राजा थे यह जानना कठिन है क्योंकि राजस्थान एक विशाल राज्य है और इसका इतिहास बहुत लंबी अवधि का है। इसमें कई रियासतें और राजवंश हैं, जो विभिन्न समय पर अलग-अलग क्षेत्रों में शासन करते थे।
राजस्थान के इतिहास में कई प्रमुख राजवंश हैं, जिनमें मेवाड़, मारवाड़, अमेर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर, और अलवर शामिल हैं। हर राजवंश के अनेक राजा और महाराजा थे, जिनका अधिकांश इतिहास में उल्लेख मिलता है।
संक्षेप में कहा जाए, राजस्थान में कुल लगभग 50 से अधिक राजवंश थे, और इन राजवंशों के कई सदस्य शासक पद पर थे। इसलिए, राजस्थान में कुल कितने राजा थे यह पूरे रूप में संख्या देना मुश्किल है।
राजस्थान में कुल कितने वंश है?
राजस्थान में कई प्रमुख और छोटे-बड़े राजवंश हैं, जो इस क्षेत्र के इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और राजनीतिक परंपराओं को प्रभावित करते हैं। इनमें सबसे प्रमुख राजवंशों में मेवाड़, मारवाड़, अमेर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर, और अलवर शामिल हैं।
इसके अलावा, कई छोटे राजवंश भी थे जो अपने क्षेत्र में शासन करते थे। राजस्थान में कुल लगभग 50 से अधिक राजवंश हो सकते हैं, जो अपने क्षेत्र में विभिन्न समयों में शासन करते थे और इस क्षेत्र की विविधता और धरोहर में योगदान किया।
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